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विवाह पूर्व यौन संबंध में स्त्री विवेक – JAGRAN JUNCTION FORUM

Apni Aawaz
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आज जब औरत और मर्द बराबरी की दहलीज पर साथ-साथ खड़े है तो सहमति के आधार पर दो बालिगो के मध्य विवाह पूर्व बने यौन सम्बन्ध पर किसी की कोई दखलन्दाजी बेमानी है. विवाह से पहले शादी के मौखिक वादे का विधि संगत अस्तित्व क्या है? यदि शादी ही उद्देश्य है तो विवाह पूर्व यौन संबंधो की आवश्यकता क्यूं? शादी से पहले यौन संबंध का उद्देश्य मात्र यौन सुख/आनंद को प्राप्त करना है अतएव ऐसे मे सुरक्षित यौन सम्बन्धो को बलात्कार अथवा धोखाधड़ी की श्रेणी मे नहीं रखा जा सकता. हाँ असुरक्षित यौन संबधो को अवश्य इस श्रेणी मे रखा जाना चाहिए क्यों कि इसके अनचाहे परिणाम के लिए दोनो पक्ष बराबर के जिम्मेदार है. इस जिम्मेदारी से भागने वाला बलात्कार का आरोपी माना जाना चाहिए.
इस दिशा मे सबसे महत्वपूर्ण निर्णय ये होना चाहिए कि कौमार्य किसी लड़की के चरित्र का मानक नहीं होना चाहिए. शादी के बाद विवाह पूर्व बने संबंधो के खुलासे को ‘सत्य का छिपाना’ या धोखाधड़ी जैसे अपराध की श्रेणी मे नही रखना चाहिए. विवाह से पूर्व बने संबंधो को एक सामान्य घटना मान कर बिना किसी पूर्वाग्रह के लड़की को उसी प्रकार अपनाना चाहिए जिस प्रकार किसी लड़के को उसकी भूल मान कर उसे अपनाया जाता है.

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