Menu
blogid : 730 postid : 135

इंतज़ार – एक सुबह का

Apni Aawaz
Apni Aawaz
  • 34 Posts
  • 153 Comments

उस दिन!

न कोई अस्मत लुटेगी,
न कोई वधू धू-धू जलेगी,
न सरेराह कोई अबला उठेगी,
न दरवाज़ों पे गालियाँ पुकार करेंगी,
न लाठियों के साए में बेगार चलेगी,
न खुले आम गोलियां हुंकार भरेंगी,
न मासूमों के हाथ तलवार बसेगी,
न धमाकों से बस्ती मसान बनेगी,
न आतंक से इंसानियत शर्मसार रहेगी,

    बे-खतर ज़िन्दगी जीने को,
    क्या ऐसे ही……..?
    एक अदद ‘सुबह’ की दरकार रहेगी!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh