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अंततः अतिविवादित, बहुप्रतीक्षित एवं आयातित प्रेम दिवस Valentine Day आ ही गया और मेरी ओर से सभी जीवो को बहुत बहुत शुभकामनायें.
वैसे तो बहुत सी आयातित वस्तुओं को हम उन्हीं तौर तरीकों से अपनाते है प्रयोग करते हैं जहा से वे आयात की जाती हैं मगर जब हमारे देश में उपलब्ध संसाधनों का किन्ही वजहों से आयात किया जाता हैं जैसे गेहूं दाल चावल प्याज़ इत्यादि तो हम उन्हें अपने ही तौर तरीको से ही प्रयोग करते है तो मेरी सभी से गुज़ारिश हैं कि आज आयातित प्रेम दिवस को भी अपने अपने देश, संस्कृति और सभ्यता के अनुसार मना कर अपनी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण बनाये रखने कि कोशिश करे ताकि हम नकलची और गैर-नवोन्मेष न कहलाये.
वैसे तो आज का दिन कुछ लोगो के लिए बहुप्रतीक्षित यौवन उन्माद के आवेश को भुनाने जैसा होगा, कुछ के लिए ये प्रेम जीवन को और प्रेममय बनाने में उत्प्रेरक का कार्य करेगा तो कुछ लोगो का इस प्रेम दिवस को घृणा और हिंसा के माध्यम से प्रेम को संकुचित दायरे में बाँधने का प्रयास रहेगा. बस आज के दिन मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना रहेगी कि लोग घृणा और हिंसा के माध्यम से प्रेम को कोई और परिभाषा या नाम न प्रदान करे अपितु प्रेम से ही प्रेम की मान मर्यादा बनाये रखे ताकि हमारे कुछ भ्रमित लोग सच्चे प्रेम की महत्ता और आवश्यकता को समझ सके और प्रेम को प्रेम ही रहने दे प्रेम से खिलवाड़ कर विकृत न होने दे.
पुनः एक बार फिर प्यार प्रेम इश्क मोहब्बत की लम्बी उम्र के लिए …………………
…………………………………………………और सिर्फ और सिर्फ प्रेम की खातिर
आप सबको बहुत बहुत शुभकामनाये.
…………………………………………………………………….आमीन.
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